Rumored Buzz on Shodashi
Wiki Article
In A further depiction of hers, she's demonstrated to be a sixteen-12 months-outdated youthful and sweet Lady decorated with jewels having a dazzling shimmer and a crescent moon adorned over her head. She is sitting around the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം ശ്രീം
Goddess Shodashi has a third eye to the forehead. She's clad in pink costume and richly bejeweled. She sits with a lotus seat laid on the golden throne. She's demonstrated with four arms during which she holds five arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane to be a bow.
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या click here में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual expansion and the attainment of worldly pleasures and comforts.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।